अध्याय २२

केली और शान ने उनके चारों ओर की स्थिति का जायजा लिया. वे अपने चारों ओर सिर्फ विनाश देख सकते थे- मृत शरीर, ढह गई और क्षतिग्रस्त इमारतें, संरचनात्मक क्षति, पानी में तैरते सब प्रकार के वाहन. बिजली और संचार प्रणाली पूरी तरह से टूट चुकी थी, ठप हो चुकी थी. उनके चारों ओर का वातावरण एक निराशाजनक गंभीर तस्वीर सा लग रहा था.

उन्होंने एक बांध फटने के बारे में भी सुना. गाड़ियों, हवाई जहाज और सड़कें लगभग नाकाम हो गईं थी. एक और समाचार सुनाई दे रहा था कि एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र गंभीर रूप से प्रभावित हो गया है. इसके परिणामस्वरूप कई विस्फोट हुए. परमाणु कारखाने से निकले रेडियोधर्मी पदार्थ से प्रभावित हो सकने वाले लगभग २००,००० लोगों को निकालने के लिये प्रयत्न किये जा रहे थे.

जब वे इन चिंताओं का आदान-प्रदान कर रहे थे, उस समय केली और शान से कुछ दूरी पर एक छोटी इमारत के छत पर कुछ हलचल हो रही है. शान और केली इस गतिविधि से अब तक अनजान थे.

उस छोटी इमारत के छत पर एक लड़की कपड़े का एक टुकड़ा लहरा रही थी. वह चिल्ला भी रही थी. लेकिन दूरी की वजह से उसकी आवाज सुनाई देना मुश्किल था. उसके चारों ओर पानी था. सुनामी का पानी इमारत के छत को छू रहा था.

तत्काल बचाव की आवश्यकता वाले वहाँ फँसे लोगों को ढूंढने के लिए शान और केली के पास एक दूरबीन थी. इस वक्त वह दूरबीन केली की आँखों पर थी. अचानक उसकी दृष्टि में कुछ दूरी वाली इमारत पर खड़ी लड़की नज़र आई. ऐसा लग रहा था कि वह लड़की ऐसे किसी भी व्यक्ति का ध्यान आकर्षित करने का प्रयत्न कर रही हो जो उसे बचा सके.

वह एक चौथाई मील की दूरी पर थी.

तुरंत केली ने इस लड़की के बारे में शान को बताया. शान ने केली के हाथ से दूरबीन ले ली और दूरबीन को लड़की पर केंद्रित किया. उसने देखा कि लड़की उनकी ही दिशा में रूमाल लहरा रही थी. ऐसा लगता था कि उसने इन दो बचावकर्ताओं को देखा था और मदद के लिए अनुरोध कर रही थी.

"हमें उसे बचा लेना चाहिये,” शान ने बस इतना कहा. ऐसा लग रहा था जैसे वह उस आपत्ति में फँसी उस महिला को जल्द से जल्द बचा लेना चाहता है.

शान ने इशारों-इशारों में केली को कुछ संकेत दिए. केली ने उन्हें सही ढंग से पढ़ा और उसे बचाव के लिये जरूरी सामग्री सौंप दी. वह समझ गई कि वह चाहता था कि एक भी मिनट बर्बाद किये बिना उस इमारत तक पहुँचा जाए. केली ने उनकी नाव को लड़की की दिशा में कर दिया. शान ने जल्द ही इंजन शुरू किया. कुछ ही मिनटों में वे इमारत तक पहुँच गये.

उनके साथ की साधन-सामग्री की मदद से शान जल्द ही इमारत की छत पर चढ़ गया. केली नाव में बनी रही.

तभी केली ने देखा कि शान लड़की के पास पहुँच गया था. वह दूरबीन से उसे देख रही थी. उसने अगले पल लड़की को शान के आलिंगन में पाया. वे दोनों एक अच्छे खासे समय तक एक दूसरे के गले मिलते दिखाई दिये. अगले क्षण वह लड़की शान के चेहरे पर हर जगह चुंबन ले रही थी. वह बिना रुके लगातार रो रही थी. आँखों से आँसुओं की झड़ी लगी थी.

केली के लिए यह काफी धक्कादायक दृश्य था.

"लगता है लड़की अतिभावुक हो गई है. नही, वह पागल हो गई है. नही, नही, मैं उससे ईर्ष्या नही कर रही,” केली ने खुद को आश्वस्त किया, खुद को समझाया.

केली के लिए अगले पाँच मिनट रहस्य भरे रहे.

इस क्षण वे अब नाव में थे और शान लड़की को बिठा रहा था.

उसने उस लड़की का केली से परिचय कराया. "केली, अंदाजा लगाओ कि यह कौन है? क्या तुम कभी कल्पना कर सकती हो कि यह मेधावी है?”

केली को पता नही चल रहा कि वह क्या प्रतिक्रिया दे और कैसे? वह मन ही मन विचार कर रही थी. "मेधावी को अभी इसी समय क्यों अपनी उपस्थिति लगानी थी? ऐसे समय जब मैं शान के प्यार में पूरी तरह डूबी हुई हूँ. काश मैंने उसे अपनी दूरबीन से न देखा होता!”

केली के जवाब की प्रतीक्षा किये बिना शान ने मेधावी से पूछा, "मेधावी, तुम यहाँ क्या कर रही थी? सुनामी में तुम कैसे फँस गई?”

मेधावी बहुत कमजोर थी. उसे बात करने में भी बड़े प्रयास करने पड रहे थे. फिर भी हिम्मत करके उसने कहा, “मैं काम की वजह से जापान आई."

केली ने पाया कि मेधावी की आवाज़ बहुत धीमी थी. वह बहुत कमजोर लग रही थी. उसमे अधिक बात करने की ताकत नहीं थी.

तब अचानक केली को मेधावी के बारे में अपने स्वयं के मनहूस और क्रूर विचारों पर शर्मिंदगी महसूस हुई. उसने खुद को 'ह्यूमैनिटी फोरम' के उद्देश्यों और मूल्यों की याद दिलाई. उसने तुरंत उन सारी प्रक्रियाओं को करना शुरू किया जिन्हे विपदा से बचाये व्यक्ति पर किया जाता है. इन प्रक्रियाओं का ध्येय उस व्यक्ति को सदमे से बाहर निकलना और तुरंत जीवन रक्षा चिकित्सा सहायता प्रदान करना होता है.

केली ने सबसे पहले मेधावी को फर्स्ट एड दी, घावों को बांधा और दो चम्मच ब्रांडी पिलाई. फिर थोड़ा खाना भी खिलाया.

शान ने नाव चलाई और मेधावी को एक शिविर में लाया. शिविर में पहुंचकर शान और केली ने मेधावी को डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम को सौंप दिया.

शान ने मेधावी को सांत्वना दी. "अब तुम सुरक्षित हाथों में हो. हम तुमसे शीघ्र ही मिलेंगे. अच्छी बच्ची बनो और अपने  डॉक्टरों की आज्ञा का पालन करो.”

शान और केली कुछ और जानें बचाने में व्यस्त हो गये. जब उन्हें महसूस हुआ कि वे और काम नहीं कर पाएंगे तब वे उनके शिविर की तरफ वापस लौट गये. अब तक शाम ढल चुकी थी.

जैसे ही शान शिविर में प्रवेश कर रहा था, एक सज्जन्﷽﷽﷽﷽﷽﷽﷽﷽“‘’” ने, जो शिविर के पास आ रहा था उसे रोक दिया.

उसने पूछा, "क्या यह अमेरिका के 'ह्यूमैनिटी' फोरम’ का बचाव शिविर है?"

शान ने उत्तर दिया, "हाँ यही है. आप क्यों पूछ रहे हो? आप क्या चाहते हैं?"

"मैं शान नाम के एक व्यक्ति से मिलना चाहता हूँ. मेरी जानकारी के अनुसार वे यहाँ काम करते हैं.”

"मैं शान हूं," शान ने कहा और उस अजनबी के साथ हाथ मिलाया.

अजनबी ने शान के साथ हाथ मिलाते हुए कहा, "मेरा नाम संस्कार है," फिर उसने आगे कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि आपको ढूँढना इतना आसान होगा. मैं यहाँ अपनी पत्नी को बचाने का अनुरोध करने के लिये अमेरिका से आया हूँ. मैंने अमेरिका से उससे संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन सभी संचार व्यवस्थाएँ पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. तब मैंने जापान आने का फैसला लिया."

शान ने पूछा, "आप मेरा नाम कैसे जानते हैं?”

"मेरी पत्नी आपको जानती है. उसने मुझे 'ह्यूमैनिटी फोरम' के साथ आपके ताल्लुकात के बारे में बताया था और टीवी पर हुई घोषणाओं से मुझे पता चला कि आपकी टीम पहले से ही यहाँ मौजूद है. मै मेरी पत्नी को बचाने के लिये आपसे प्रार्थना करता हूँ, आग्रह  करता हूँ. वह इसी क्षेत्र में फँसी होगी क्योंकि उसका अपार्टमेंट इस सेंडाई क्षेत्र में स्थित है.”

"क्या आपकी पत्नी का नाम मेधावी है?" शान ने पूछा.

"हाँ. क्या आपकी टीम जल्द ही उसे बचाएगी?”

शान ने मुस्कराकर केली की तरफ देखा. वह शान और संस्कार के बीच हो रहा वार्तालाप सुन रही थी. मगर उसने चुप रहना ही पसंद किया.

शान ने केली का संस्कार के साथ परिचय कराया और बोला, "केली ने पहले से ही आपकी पत्नी को बचा लिया है. उसीने सबसे पहले अपनी दूरबीन से पानी से घिरी एक इमारत की छत पर आपकी बीवी को देखा था. अगर वह उसे देखने से चूक जाती तो हम मेधावी को बचाने का वह ख़ास मौका खो बैठते.”

"बहुत बहुत धन्यवाद मैडम केली. मैं आपका बहुत शुक्रगुजार हूँ. मेधावी कहाँ है? क्या मैं उसे देख सकता हूँ? क्या मैं उससे मिल सकता हूँ? आशा करता हूँ कि वह ठीक होगी.”

"हाँ, हाँ. अब आप उनसे मिल सकते हैं,” केली ने जवाब दिया. “हम आपको उनके पास ले जाएँगे. लेकिन चूँकि वह सदमे में है, इसलिए अभी उनसे बात न करना ही बेहतर होगा. शायद आप उसे सोता हुआ ही पाएँगे. जब हमने उन्हें बचाया तब वह बहुत थकी हुईं थीं.”

जब वे शिविर के अंदर गए, जहाँ सभी मरीजों को डॉक्टरों और नर्सों द्वारा चिकित्सा दी जा रही थी, संस्कार ने मेधावी को बिस्तर पर सोया हुआ पाया. वह मेधावी को कुछ देर तक देखता रहा. उसके चेहरे पर संतोष देखा जा सकता था. फिर संस्कार ने शान और केली की ओर रुख किया. वह बोला, “मेरे पास आप दोनों को धन्यवाद देने के लिये कोई शब्द नहीं हैं.”

केली ने कहा, "हमें धन्यवाद देने की कोई ज़रूरत नहीं. ऐसा करना हमारा कर्तव्य था.” शान ने सिर हिलाकर अपनी सहमति जाहिर की.

"मुझे लगता है कि मैं पास के हॉटेल में चेक-इन करूँगा और कल सुबह आपसे मिलूंगा. उसी समय मैं मेधावी से भी मिल सकूंगा.”

शान ने कहा, "हाँ, यह उचित रहेगा."


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