अध्याय २४

मेधावी आज बहुत बेहतर महसूस कर रही थी. वह यूँ ही बिस्तर पर करवटें बदल रही थी और शिविर से छुट्टी मिलने का इंतज़ार कर रही थी. जिस काम के लिये उसे जापान में नियुक्त किया गया था उस काम को फिर से शुरू करने के लिये वह काफी उत्सुक थी.

सुनामी के बाद हर एक व्यक्ति सुनामी से प्रभावित हुआ था और लोग धीरे-धीरे उस सदमे से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे. उनमे से मेधावी भी एक थीं.

डॉक्टर ने सुबह का राउंड पूरा कर लिया था. वह जल्द ही अपना निर्णय घोषित करेगा कि किन-किन लोगों को आज शिविर से छुट्टी मिल जाएगी. हर दिन कुछ लोगों को छुट्टी दी जाती थी और इलाज के लिए नए सुनामी प्रभावित मरीज़ भर्ती होते थे.

मेधावी के दिमाग में हाल में होने वाली कई घटनाएँ घूम रही थीं. उसने उन पर विचार करना शुरू कर दिया. अचानक उसके विचार केली पर आकर रुक गए. उसने याद करने की कोशिश की कि पहली बार उसने केली का नाम कब सुना था? उसने खुद से पूछा, "क्या वह उन लेखों में था जिनमे मैंने 'ह्यूमैनिटी फोरम’ के बारे में पढ़ा था? जिनमे शान का उल्लेख किया गया था और केली का भी? नहीं, शायद उससे पहले भी कहीं मैंने केली का नाम सुना था. ओह, अब मुझे याद आया. मैंने केली के बारे में पहली बार अंजी के मुँह से सुना था. उसने बताया था कि वह लॉस एंजेलिस हवाई अड्डे पर केली और शान से मिली थी. और मुझे याद है कि अंजी ने मुझे बताया कि केली सुंदर है.”

मेधावी केली के बारे में और सोचने से खुद को रोक नहीं सकी. "मैं अंजी से सहमत हूँ. केली बहुत सुंदर है. क्या वह अब तक शान की गर्ल-फ्रेंड बन गई है या उनका रिश्ता सिर्फ औपचारिक मात्र है? लेकिन शान ने मुझे हमारी बातों के दौरान बता दिया कि केली को पता है कि शान और मेरे बीच क्या हुआ था. तो वह शान की गर्ल-फ्रेंड नहीं हो सकती है. वास्तव में मैं उत्सुक थी और मैंने सीधे-सीधे शान से पूछ ही डाला कि क्या केली मेरे और तुम्हारे संबंधों के अतीत के बारे में जानती है? तब उसने मुझे बताया कि केली को हमारे अतीत के बारे में सब कुछ पता है. लेकिन मैं शान से उसके और केली के रिश्ते के बारे पूछने से डर गई. शायद मैं उनके बीच किसी भी घनिष्ठ संबंध के अस्तित्व को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हूँ. मेरा अनुमान है कि शान और केली सिर्फ सहयोगी हैं और कुछ नहीं.”

वह किसी भी तरह से कुछ ऐसे तर्क जमाने की कोशिश कर रही थी जो उसके हक़ में हों. इन तर्कों के बूतों पर वह खुद को आश्वस्त करने की और दिल को बहलाने की कोशिश कर रही थी कि शान का केली के साथ कुछ लेना देना नहीं है.

मेधावी ने अपने तर्क जारी रखे. "मुझे यकीन है कि शान का केली के साथ कोई गंभीर संबंध बिलकुल भी नहीं है, भले ही वे हर समय एक साथ काम क्यों न करते हों. मैं इस बात को और भी दृढ़ता से कह सकती हूँ क्योंकि यह जानने के बावजूद कि मैं शान की पिछली गर्ल-फ्रेंड थी, केली का मेरे प्रति व्यवहार बहुत अच्छा रहा है. वह मेरी देखभाल करने के लिए अक्सर शिविर में आती है. वह सुनिश्चित करती रहती है कि मुझे तकलीफ तो नहीं है, मैं आराम से तो हूँ न और नर्स समय पर दवाएँ दे रही है या नहीं. एक लड़की द्वारा अपने प्रतिद्वंदी के साथ ऎसे अच्छे व्यवहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती. अगर मैं केली की जगह होती तो मैं निश्चित रूप से दूसरी प्रतिद्वंदी लड़की को नजरअंदाज कर देती.”

उसने अपने आप से प्रश्न पूछा, "क्या मैं फिर से दोबारा शान से प्यार करने लग गई हूँ? फिर मैं केली और शान के बारे में इतना क्यों सोच रही हूँ?”

......................

केली और शान ने मेधावी के माता-पिता और संस्कार के साथ सुबह का नाश्ता उसी हॉटेल में किया जहाँ संस्कार और मेधावी के माता-पिता ठहरे थे. नाश्ते के बाद केली बचाव शिविर की ओर चल दी.

शान बाकी लोगों के साथ रुका रहा. वह थोड़ी देर के लिए आराम करना चाहता था. उसने पूरी रात अकेले काम किया था. उसने केली को उस रात आराम करने की सलाह दी थी और उसके साथ बचाव कार्य में आने के लिये मना किया था. इसलिए केली आज सुबह  काफी तरो-ताजा थी.

केली ने कहा, "आज मैं शिविर में जाउंगी. मैं शायद मेधावी के साथ वापस लौटूंगी. डॉक्टर ने कल संकेत दिया था कि मेधावी को आज शिविर से छुट्टी मिल सकती है. मैं डॉक्टर से पूछूँगी और यदि उसने इजाजत दे दी तो आप लोग जल्द ही मेधावी और मुझे यहाँ वापस आते देख सकेंगे.”

फिर वह संस्कार की ओर मुड़ी और उसे संबोधित करते हुए कहा, "संस्कार, खुश हो जाइये. आपकी पत्नी जल्द ही घर आ जाएगी.”

शिविर के रास्ते चलते केली ने हाल की घटनाओं पर विचार करना शुरू कर दिया. आखिर में उसके विचार मेधावी पर आकर टिक गये. "क्या मेधावी शान से प्यार करती है? ख़ास करके, शान ने उसे बचाने के बाद वह उसके प्रति बहुत भावुक प्रतीत होती है. साथ ही वह संस्कार की कंपनी में सामान्य नहीं दिखती है, काफी तनाव में रहती है. यहाँ तक ​​कि संस्कार भी मेधावी के साथ बातचीत करने में कतराता है. क्या उनके बीच कुछ तनाव है? क्या उनके आपसी रिश्ते में दरार आ गई है? और क्या शान इन दिनों मेधावी की तरफ झुका जा रहा है? ऐसा लगता है कि वह उसके साथ काफी समय बिता रहा है. या उसका मेधावी के साथ ऐसा बर्ताव सिर्फ इसलिए है क्योंकि मेधावी हाल में सुनामी की वजह से बहुत कठिन समय से गुजर रही है और शान को इसका एहसास है. इस एहसास के तह शायद वह उसे प्राधान्य दे रहा है और दया-भाव दिखा रहा है. शायद वह सामान्य मानवतावाद का पालन कर रहा होगा.”

इस मुद्दे पर और विचार करने पर उसने एक अलग निष्कर्ष निकाला. "नहीं. यह सही नहीं हो सकता कि शान दोबारा मेधावी से प्यार करने लग गया हो. शान ने मुझे मेधावी के साथ उसके पिछले रिश्ते के बारे में सब कुछ ईमानदारी से बता दिया है. उसने यह भी बताया कि अब काफी समय गुजर चुका है और मेधावी पूरी तरह से उसके दिलो-दिमाग से बाहर है. उसने हाल ही में मेरे लिये अपना प्यार जाहिर कर दिया है और मैं पूरी तरह से उस पर विश्वास करती हूँ. अब मैं शान के बिना जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकती.”

इस समय तक वह शिविर में मेधावी के बिस्तर तक पहुँच चुकी थी.

......................

केली की अचानक उपस्थिति से मेधावी चौंक गई. वह दिन में ही शान और खुद के बारे में सुन्दर स्वप्न देख रही थी. केली ने अचानक आकर उसका वह सुन्दर स्वप्न तोड़ दिया. वह केली से मन ही मन नाराज़ हो गई. उसके मन में केली के प्रति रूखापन था. वह इसका सही कारण समझ पाने की स्थिति में नहीं थी.

केली मेधावी के पास आई. उसके मन में मेधावी के प्रति रूखापन था. वह इसका सही कारण समझ पाने की स्थिति में नहीं थी. उसने खुद को संभाला और औपचारिकता भरे स्वर में कहा, "मेधावी, आपके लिये अच्छी खबर है. डॉक्टर ने आपको शिविर से छुट्टी देने का फैसला कर लिया है. अब आप संस्कार के पास उसके हॉटेल के कमरे में जा सकती हैं. मेरे साथ चलिए. मैं आपको वहाँ ले जाऊंगी.”

मेधावी ने भी इसका जवाब औपचारिकता भरा ही दिया. “आपने मेरे लिए जो किया उसका धन्यवाद देने के लिये मेरे पास शब्द नहीं हैं.”

फिर केली और मेधावी हॉटेल की ओर निकल पड़ीं. रास्ते में वे दोनों चुप रहीं, एक शब्द भी नहीं बोलीं.

जब वे हॉटेल के कमरे के दरवाजे पर पहुँची तो दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था. कमरे के अंदर से बोलने की आवाजें कमरे के बाहर तक काफी स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती थीं. मेधावी ने केली को संस्कार द्वारा अपने नाम का जिक्र सुनकर कमरे में प्रवेश करने से रोक दिया. वह वहीं दरवाजे के बाहर केली को साथ लेकर खड़ी रही और भीतर हो रही बातें सुनने लगी. केली ने सोचा कि कुछ तो ऐसे बातें हो रहीं हैं जिन्हे मेधावी छुपकर सुनना चाहती है. इसलिये उसने मेधावी से कमरे के अंदर जाने का आग्रह नहीं किया.

संस्कार इस वक्त शान के साथ कुछ बातचीत के बीच में था. वह कह रहा था, “शान, उस डायरी में मेधावी ने जो लिखा है उसकी वजह से मैं इस निष्कर्ष पर आया हूँ. मुझे मेधावी को मुझसे स्वतंत्र हो जाने की अनुमति देनी होगी. हम दोनों इस विवाह में पूरे जीवन भर नाखुश रहेंगे. जबरदस्ती साथ रहने में अर्थ नहीं है. शुरुवात में हमने सोचा था कि हम दोनों जीवन के सभी मुद्दों पर समान राय रखते हैं. इसी वजह से हम एक दूसरे से प्यार करने लगे और हमने शादी कर ली. लेकिन हाल ही में मुझे एहसास हुआ कि जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर हमारी सोच काफी अलग हो रही है. मेधावी ने हाल ही में धार्मिक मुद्दों पर उसकी मानसिकता को काफी हद तक बदल दिया है. लेकिन मुझे यकीन है कि मेरी बहुत कोशिशों  के बावजूद भी मैं धर्म और उससे संबंधित अनुष्ठानों पर अपनी मानसिकता को नहीं बदल सकता.”

संस्कार इस सम्बन्ध में उसकी कमजोरियों और मजबूरियों के बारे में काफी स्पष्ट था.

शान ने पूछा, “यदि आप बुरा न माने तो क्या मैं आपको कुछ सुझाव दे सकता हूँ?”

संस्कार ने अपना सिर हिलाकर स्वीकृति दी.

तब शान ने कहा, “आपके पास एक वर्ष का समय है. इस बीच आप चाहें तो अपने आप को बदल सकते हैं. आपके अनुसार मेधावी शादी को बचाने की इच्छा रखती है. यही कारण है कि उसने जापान में अपनी नियुक्ति करके एक-दूसरे को इन मुद्दों पर स्वतंत्र रहकर व्यक्तिगत रूप से विचार करने का मौक़ा दिया है. यदि यह मान भी लें कि उसके विचारों में कुछ बदलाव आ रहा है फिर भी मूलतः उसमे धार्मिक झुकाव है. यदि आप भी धार्मिक बातों के बारे में अपनी कट्टरता को थोड़ा कम करके अपने आप को बदल सकें तो आप दोनो एक मध्य बिंदु पर मिल सकते हैं और फिर साथ मिलकर अच्छी तरह से जिंदगी बिता सकते हैं.”

"ऐसा लगता है कि इसकी संभावना कम है. संकीर्णताएँ और संकोच मेरी तरफ से है. मैंने मेधावी की डायरी पढ़ने के बाद हर एक मिनट में हर तरफ से इसके बारे में सोचा है. बचपन से ही मेरा पालन-पोषण अलग तरीके से और अलग किस्म के माहौल में हुआ. इसीलिये इतनी छोटी उम्र से सीखे सभी धार्मिक संस्कार और विधियाँ मेरे लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं. मेरे लिये वे जन्म-मरण जैसे मुद्दों की तरह हैं. उन्हें नकारना या भुला देना आसान नहीं है. आप मुझे चरमपंथी या कट्टरपंथी या और कुछ कह सकते हैं लेकिन मैं नहीं बदल सकता,” संस्कार ने कहा.

"आप प्रयत्न करके तो देखिये,” शान बोला.

"शान, मैंने अपने माता-पिता से परामर्श किया और उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं उस धार्मिक मार्ग से दूर न जाऊँ जिसे हमारे परिवार ने वर्षों से अपनाया है. मेरे माता-पिता ने कल मेधावी के माता-पिता से बात की और उन्हें अपने फैसले बताये. मेधावी के माता-पिता मेधावी ने लिखी डायरी में उसकी तीव्र भावनाओं को जान चुके हैं. साथ ही खुद को बदल पाने में मेरी असमर्थता की जानकारी भी उनके पास है. इसलिये अब वे मेरे निर्णयों से सहमत हो गये हैं.”

केली ने सोचा, “मेरा शक सच निकला. मेधावी और संस्कार के बीच काफी तनाव है. उनके आपसी रिश्ते में दरार आ गई है. और तभी इन दिनों मेधावी शान की तरफ झुकी जा रही है. इसीलिये ऐसा लगता है कि शान भी उसके साथ काफी समय बिता रहा है.” केली के लिए यह बहुत चिंता की बात थी. वह निराश हो गई. फिर भी वह कमरे के अंदर की बातें सुनती रही.

संस्कार की बातों पर मेधावी के माता-पिता ने सिर हिलाकर संस्कार का समर्थन जताया. मेधावी के पिता ने कहा, "शान, हम तुम्हे संस्कार के सुझाव पर विचार करने का भी अनुरोध करते हैं. संस्कार ने नुझे मेधावी के साथ तुम्हारी शादी के बारे में उसके सुझाव पर तुमसे  बात करने का अनुरोध किया है. उसके अनुसार मेधावी का अभी भी तुम्हारे प्रति बहुत झुकाव है. उसका कहना है कि मेधावी ने अपनी डायरी में इस बारे में स्पष्ट शब्दों में व्यक्त किया हे. उसकी डायरी पढ़ने के बाद हम भी इसी नतीजे पर पहुँचे. तुम जानते हो कि मेधावी के जीवन में संस्कार के आने से पहले हम तुम्हारे साथ ही मेधावी की शादी का विचार कर रहे थे. तुमने स्वयं ही इसका प्रस्ताव रखा था. लेकिन आश्चर्य कि उसके बाद फिर तुम हमें कभी नहीं मिले. हमने सोचा भी कि तुमने ऐसा क्यों किया. लेकिन अब जब तुमने मेधावी को बचा लिया है और इस प्रकार तुम उससे और हमसे दोबारा मिले हो, इसे संयोग ही कहा जा सकता है. यह एक शुभ संकेत हे और हम तुमसे मेधावी के साथ विवाह करने का अनुरोध करते हैं. इससे सब समस्याएँ हल हो जाएंगी.”

शान ने संस्कार पर एक नज़र डाली तो संस्कार बोल पड़ा, "मुझे जल्द ही मेरे लिए एक पत्नी मिल जाएगी. तो आपको उस पर चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. मेधावी आपके साथ बहुत खुश रहेगी.”

यह सुनकर केली का दिल थम सगया. “मैंने शान को खो दिया है. मेधावी जीत गई.”

उधर मेधावी ने सोचा, “मैं फिर से दोबारा शान से प्यार करने लग गई हूँ. और अब मेरी शान से शादी हो सकती है.” वह मन ही मन खुश हो गई.

इतने मे शान ने जवाब दिया, "संस्कार, कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें आप जानते नहीं हैं. जब मैंने शुरुआत में मेधावी से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने मुझे उन्ही जैसे कारणों से अस्वीकार कर दिया था जिनकी वजह से आप आज मेधावी को अस्वीकार कर रहे हैं. उन दिनों मेधावी और उसके माता-पिता मुझ जैसे व्यक्ति को स्वीकार नहीं कर सके थे, ऐसा व्यक्ति जिसका किसी भी संगठित धर्म के साथ गठबंधन नहीं है. मैंने मेधावी की दोस्त अंजली के साथ मेधावी की बातचीत को सुना था जब उसने उसे बताया था कि उसे मुझसे शादी करने में कोई रूचि नहीं है. मुझे उस वक्त समझ में आया कि वह कभी मुझसे प्यार नहीं करती थी. यही कारण है कि मैं अपने प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए मेधावी और उसके माता-पिता से नहीं मिला था. फिर बाद में मैंने मेधावी के बारे में कभी सोचा भी नहीं. मैं इस मेधावी को बिल्कुल भी नहीं जानता था. शायद मैं उसकी छवि से प्यार करता था. जब मेधावी ही मुझसे प्यार नहीं करती थी तो फिर मुझे उसके गले पड़ने का क्या अधिकार था?”

शान की बातें सुनकर मेधावी के पिता झेंप गये. उन्हें शर्म भी महसूस हो रही थी. उन्होंने अनैच्छिक रूप से ‘ओह’ कहा.

शान ने कहा, "और एक और सबसे महत्वपूर्ण बात जिसे आप नहीं जानते. अब मैं केली से प्यार करता हूँ. मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ. वह भी मुझसे प्यार करती है. मैं जल्द ही उससे शादी का प्रस्ताव रखूंगा.”

कमरे के बाहर मेधावी ने केली की हथेलियों को अपने हाथों में ले लिया और कसकर दबाया. मेधावी ने केली को इस तरह से देखा जैसे उसकी आँखे कह रही हों, "बधाई हो, केली.”

केली ने मेधावी की हथेलियों को दबाकर अपना जवाब दिया.

आँसुओ ने मेधावी की आँखें भर दीं. उसका सुप्त प्यार जागते-जागते हमेशा के लिए सो गया था. उसने अपना चेहरा इस तरह से मोड़ लिया जिससे केली उसके आँसू न देख पाये. लेकिन केली ने उसके आँसू देख लियें थे और वह मेधावी की व्यथा को महसूस कर रही थी.

अब चुपके से मेधावी ने आँसू पोंछ लियें थे. यह देखकर केली ने मेधावी से पूछा, "क्या हम अब अंदर जाएँ?”

मेधावी अभी बोलने की स्थिति में नहीं थी. उसने सिर हिलाकर अपनी स्वीकृति दे दी. मेधावी ने तब कमरे का दरवाजा खटखटाया जो आधा बंद था.

शान ने दरवाजा खोला. केली और मेधावी ने कमरे में प्रवेश किया.

कमरे में हर कोई मेधावी का स्वागत करने में शान के साथ शामिल हो गया. मेधावी ने मुस्कराने की कोशिश करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया.


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