अध्याय २५

जापान में एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद मेधावी अमेरिका वापस आ गई. सैन डिएगो में स्थित उसकी कंपनी के मुख्यालय ने उसे वापस बुलाया और उसकी जगह किसी और को जापान भेज  दिया.

मेधावी ने संस्कार के अपार्टमेंट को छोड़ दिया और खुद के लिए एक छोटा अपार्टमेंट किराए पर ले लिया.

सैन डिएगो पहुँचने पर अपनी पहली लंबी छुट्टियों में वह सैन होज़े गई. वहाँ उसने केली और शान से उनके घर में मुलाक़ात की.

इस बीच केली और शान ने शादी कर ली थी. उन्होंने उनकी शादी की तस्वीरों को उनके लैपटॉप पर मेधावी को दिखाया.

केली ने बताया, "यह बहुत छोटे पैमाने वाली शादी थी. सिर्फ निजी सम्बन्धी ही शादी में शरीक हुए थे. हम दोनों के अलावा, एलिस और यूसुफ, और यिन और अरुण.”

"तुम सभी लोग तस्वीरों में बहुत अच्छे लग रहे हो, खास करके तुम दोनों. और हाँ, इससे पहले कि मैं भूल जाऊँ, कृपया मुझे तुम 'ह्यूमैनिटी फोरम' में भर्ती कर लो.”

"तुम ऐसा करने की क्यों सोच रही हो? तुम्हारे विचार शायद 'ह्यूमैनिटी फोरम' की धारणाओं से मेल न खाते हों. तुम्हे इसका अंदेशा होगा ही.” केली ने अपना संदेह जाहिर किया.

“शान से बहुत समय पहले काफी महत्वपूर्ण बातें सुनी थीं लेकिन उन्हें मैं उस समय समझ नहीं पाई थी. किन्तु अब मेरे लिए वे बातें बहुत महत्वपूर्ण हो गई हैं. मैं पूरी तरह से 'सीमाहीनता', 'शून्य भेदभाव- शून्य घृणा- शून्य युद्ध', 'एक दुनिया', 'विचारों के खुलेपन और लचीलेपन’ की धारणाओं से सहमत हूँ. अब मुझे धर्म की, शान द्वारा बनाई गई, नई परिभाषा अच्छी लगती है. धर्म ‘स्वयं और दूसरों के लिये अच्छा महसूस करने, अच्छा सोचने और अच्छा कार्य करने’ के बारे में है. इतना सरल है धर्म!”

"ठीक है. शाबास! मेधावी, तुम परीक्षा में अव्वल दर्जे में उत्तीर्ण हुई. तो तुम कल शाम ही ‘फोरम’ की मीटिंग में हमारे साथ आ जाओ.”

"मैं जरूर आउंगी,” मेधावी ने कहा. "हो सकता है कि मुझे वहाँ कोई पति बनाने लायक प्राणी मिल जाए! मैंने अपनी सोच को काफी बदल दिया है और इसलिये शायद ‘फोरम’ का कोई एक अच्छा सा जवान पत्नी पद के लिये मेरी उम्मीदवारी को स्वीकार कर ले.” इतना कहकर मेधावी दिल खोलकर हँसी.

शान और केली हँसी में शामिल हो गये.

केली ने चेतावनी दी, "याद रखना, मेधावी, कि शान निश्चित रूप से उनमें से एक नहीं है. शान मैं सही कह रही हूँ न?”

"क्या यह अभी भी संभव है? अच्छा ख़याल है. मुझे इस पर गंभीरता से विचार करने दो,” शान ने केली को चिढ़ाते हुए कहा.

शान की ऐसी शरारत भरी बातें सुनकर मेधावी शरमा गई. केली ने उसे शरमाते हुए देख लिया. मेधावी के उस अंदाज़ से केली जान गई कि मेधावी के दिल में शान के लिये अभी भी एक ख़ास जगह है. केवल एक औरत कभी-कभी दूसरी औरत की आंतरिक भावनाओं को समझ सकती है.

कुछ अरसे बाद 'ह्यूमैनिटी फोरम’ का एक अविवाहित और काबिल युवक मेधावी के आकर्षण का शिकार हो गया. क्यों न हो? आखिर मेधावी इतनी सुंदर और स्मार्ट जो थी. उस पर, खुले विचारों वाला उसका नया व्यक्तित्व ताज में नगीने जैसा था. ऐसी विजेता द्वारा किसी भी पुरुष को कमजोर कर देना आसान था. ‘ह्यूमैनिटी फोरम’ के नौजवान का हाल भी कुछ ऐसा ही हुआ. उसने मेधावी को जी-जान से मनाया, मेधावी राजी हुई और फिर उन दोनों ने शादी कर ली.

......................

करीब पच्चीस साल बाद ...

शान, केली और उनकी बेटी शेली आंगन में चाय पी रहे थे.

शेली ने कहा, "माँ, आपको लगता है कि जय और मैंने शादी कर लेनी चाहिए?"

"यह तुम्हारी पसंद और मर्जी का प्रश्न है. चूँकि शान और मुझे जय पसंद है, हम बहुत खुश हैं. आगे बढ़ो, किसी भी दिन शादी कर लो. लेकिन हमें एक आमंत्रण जरूर भेजना. हम निश्चित रूप से तुम्हारी शादी में भाग लेना पसंद करेंगे.” केली मुस्कुराई.

फिर तीनों एक साथ हँस पड़े.

शेली ने तुरंत अपनी माँ और पिता को गले लगा लिया और चहचहाई, "आप दोनों कितने अच्छे हो!”

फिर वह कुछ देर चुप रही और उसने परिस्थिति का अंदाजा लेने की कोशिश की.

जब वह आश्वस्त हो गई कि मौजूदा परिस्थिति माता-पिता की खुशनुमा मनोदशा को प्रस्तुत कर रही है तो उसने कहा, “और हाँ, मॉम-डैड एक और बात. मैं ऑर्थोडॉक्स क्रिस्चियन धर्म अपना रही हूँ. जय इस बात पर जोर दे रहा है. आप पहले से ही जानते हैं कि वह ऑर्थोडॉक्स क्रिस्चियन है. लेकिन जब और जहाँ तक ​​मानव मूल्यों का संबंध है, वह बिलकुल आपके जैसा ही है सिवाय इसके कि संगठित धर्म से जुड़े रहे बिना जीने में उसे अभी भी डर लगता है. इसलिये वह थोड़ा अजीब महसूस करता है कि मेरे पास किसी भी धर्म का कोई भी टैग नहीं है.”

"आशा है कि वह कट्टरपंथी नहीं है या जिसे हम चरमपंथी कहते हैं?" शान ने पूछा.

"डैड, नहीं. निश्चित ही नहीं. आप दोनों और मैं उसे पिछले दो वर्षों से जानते हैं. क्या आपको नहीं लगता कि मानवीय मान्यताओं और मूल्यों में वह आपके और मॉम जैसा ही है? फर्क सिर्फ इतना है कि यदि वह किसी संगठित धर्म से जुड़ा न हो तो वह असहज और असामान्य महसूस करता है. सिर्फ नाम के लिए वह अपने माता-पिता द्वारा दिए गये धर्म के भीतर रहना चाहता है. और पति और पत्नी के बीच समानता के लिए वह मुझे ऑर्थोडॉक्स क्रिस्चियन के रूप में देखना चाहता है.”

केली और शान मुस्कुराये और एक साथ बोल पड़े, "शेली, हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं. आगे बढ़ो. किसी भी धर्म का नाम अपने नाम के साथ लगा लो. यह ज्यादा मायने नहीं रखता. लेकिन जब किन्ही भी मुद्दों या कामों के सम्बन्ध में अपना पक्ष रखने की बात आये तो हमेशा सिर्फ और सिर्फ एक इंसान ही बने रहना. सिर्फ इंसानियत का पक्ष ही लेना.”

शेली ने पूर्ण उत्साह से उन दोनों ने कही बातों की पुष्टि की और उनका पालन करने का आश्वासन दिया.

"मैं जय को फ़ोन करती हूँ.” शेली ने उन्हे आँगन में छोड़ दिया और खुद अपने हाथ में सेल फोन लिये घर की ओर चली गई.

......................

अपने प्यार के लिए एक संगठित धर्म से जुड़ जाने के शेली के फैसले पर शान और केली मन ही मन मुस्कुराये.

उन्होंने सोचा, "प्यार की एक विशेष भव्यता है, शान है, बुलंदी है. बाकी सब कुछ प्यार के सामने बौना और फीका महसूस होता है.”

शान और केली ने आपस में निम्नलिखित बातचीत का आदान-प्रदान किया:

"जब मनुष्य के जहन में गहरी जड़ें पकड़ लेने वाले काल-ग्रस्त, पुराने ढंग की मान्यताओं और विचारधाराओं को बदलने की बात आती है तो मानव समाज थम सा जाता है. सामाजिक परिवर्तन की गति इतनी धीमी हो जाती है कि ऐसा लगता है कि वह रेंग रही है. जय को ही देखो!” शान दार्शनिक रूप से मुस्कुराते हुए बोला.

"तुम नाहक दार्शनिक हो रहे हो. लेकिन शान, दुनिया इसी तरह चलती है,” केली ने जवाब दिया. वह भी मुस्कुरा दी.

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